आज के दिन रिजर्वेशन सिस्टम एक हॉट टॉपिक है। ज्यादातर लोग इससे नाखुश है, खास करके के लोग जिसको इस कुछ फायदा नहीं मिलता।
रिजर्वेशन काफी हद तक जरुरी भी है। एक उदाहरण से समझते है। हमारे देश में हर साल 8-9 लाख छात्र कक्षा 12 (JEE जैसे) परीक्षा दे के इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए तैयार करते हैं। इसमे सभी टाइप के छात्र रहते हैं - अमीर/गरीब, शिक्षित माता-पिता/अशिक्षित माता-पिता, अच्छी कोचिंग प्राप्त करनेवाले / अच्छी कोचिंग प्राप्त ना करनेवाले ।
इसिलिए एक अमीर इंजीनियर के बच्चे के लिए तुलनात्मक रूप से आसान है की 80-85 या 90% मार्क लाना। जब की गरीब अनपढ़ के बच्चे के लिए 50-60% लाना उससे भी ज्यादा मुश्किल है। और ऐसा थंब रूल भी बनाना देना गलत बात है, क्यो की रियल लाइफ में देखो तो अमीर इंजीनियर का बच्चा भी फेल हो जाता है, उसके लिए और कारण रहते हैं, जैसे परिवार की समस्या, अनुचित शिक्षक या खुद का रवैया भी निर्भर करता है।
यहाँ पे सरकार का काम है की देश में समानता लाये। गरीब स्टूडेंट को भी जिंदगी में आगे आने का मौका मिले। और हकीकत में देखो तो आरक्षण का एक उद्देश्य है, की जिस से जरुरतमंद आदमी उसका सहारा ले के खड़ा हो सके । ये बात अलग है की आज कल वो एक वोट बैंक बन गया है।
और रियलिटी में देखो तो ये सपोर्ट की जरूरत किसी को भी हो सकती है। उदाहरण के लिए कोई बहोत ही ब्रिलियंट स्टूडेंट है, लेकिन परीक्षा से 2 घंटे पहले उंगली पे मामुली चोट हो जाती है और परीक्षामें पेपर ठीक से नहीं लिख पाता है। ब्रिलियंट स्टूडेंट है, लेकिन परीक्षा के दरमियान आसपास के स्टूडेंट्स चोरी कर रहे हैं और कंसंट्रेशन टूट जाता है।
कोई बंदा एक-दो बार सपोर्ट मांगे,जरूर देना चाहिए। मगर,कोई हर चीज के लिए सपोर्ट मांगे तो वो गलत है।
आज कल क्या हो रहा है, रिजर्वेशन का फ़यदा ले के क्लास -10, क्लास -12, इंजीनियरिंग/मेडिकल पुरा पढाई कर देते हैं। मगर जॉब के लिए जाते हैं, तब प्राइवेट कंपनी में रिजर्वेशन नहीं है तो उधर टैलेंट के आधारपे सेलेक्ट नहीं हो पा रहे। और फिर सरकारी नौकरी के लिए दौड़ते हैं। बाकी देशोकी तुलनामें भारतमें सरकारी नौकरी का क्रेज ज्यादा है। उसका एक महत्वपूर्ण कारण ये है।
इस बड़े समस्या का एक आसान समाधान है, आरक्षण को आधार से जोड़ दो। और एक रूल बना दो, जिसके तहत रिजर्वेशन का फायदा लाइफ में एक (या मैक्स। दो बार) ही ले सके।
जैसे कौन बनेगा करोड़पति में लोग लाइफलाइन का इस्तमाल समझदारी से करते हैं, वैसे आरक्षण का इस्तेमाल भी समझदारी से करने लगेंगे। जब पता होगा के आगे जा के टैलेंट के आधार पे ही लाइफ निकलना है, तो फिर फोकस पढाई भी ज्यादा रहेगा। जो बंदा बिना रिजर्वेशन के आगे आता है, उसको रेकग्नाइज़ करो।
जैसे गैस सब्सिडी के लिए Give It Up campaign किया, वैस रिजर्वेशन के लिए भी करो। लोगो में जागरूकता बढेगी, लोगो में पढाई का महत्व बढ़ेगा और देश आगे बढ़ेगा।
### जय हिन्द ###